दोगलापन

बड़ी-बड़ी बातें करने वालों, सुनो जब तुम नकली ठण्डी हवा में ऊंची-नीची होने वाली सीटों पर बैठ इंसानी मुखौटों के पीछे इंसानी आवाज़ में कुछ कहते हो। ये आवाज़, आदम को हैवां की सी सुनाई पड़ती है जब तुम खड़े कर देते हो अंधे कायदे क़ानून इत्मिनान से, आज ये-कल वो तुम चाहते हो, हम मानते रहें- बिना […]

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